
एसजीआरआर विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ और शिक्षा संकाय के संयुक्त तत्वावधान में पथरीबाग सभागार में शिक्षकों के कल्याण के लिए और चिंता को कम करने विषय पर एक विचारोत्तेजक इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम शिक्षकों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवन में संतुलन बनाए रखने की चुनौतियों को उजागर करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलपति प्रोफेसर डॉ. कुमुद सकलानी, रजिस्ट्रार डॉ. लोकेश गम्भीर , डॉ पवन शर्मा तथा छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ मालविका कांडपाल के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, प्रसिद्ध मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. पवन शर्मा, जो साइकेडेलिक थेरेपी और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के क्षेत्र में अग्रणी हैं, ने शिक्षकों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए व्यावहारिक रणनीतियाँ और उपयोगी सुझाव साझा किए। उन्होंने सहभागियों को सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के उपायों और सहानुभूतिपूर्ण वातावरण के महत्व पर बल दिया।
यह आयोजन विश्वविद्यालय के प्रेसिडेंट श्रीमहंत देवेंद्र दास जी महाराज के पावन आशीर्वाद से संपन्न हुआ। उनका आध्यात्मिक मार्गदर्शन विश्वविद्यालय के समग्र विकास और कल्याण के लिए प्रेरणास्रोत रहा।
कुलपति प्रो. डॉ. कुमुद सकलानी ने अपने संदेश में कहा, “शिक्षक किसी भी शैक्षणिक संस्था की रीढ़ होते हैं। उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य का संरक्षण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। यह सत्र हमारी करुणाशील और समावेशी शिक्षा संस्कृति को मजबूती देने की दिशा में एक सार्थक कदम है।”
यह सत्र मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास रहा।